राही दिन की मेहनत के बाद खुद को लेकर खुश महसूस करती है। उसे भरोसा है कि केवल डांस ही नहीं बल्कि उसकी पहचान भी बदल चुकी है। वह मन ही मन ठान लेती है कि डांस प्रतियोगिता न सिर्फ जीतेगी, बल्कि सबको दिखाएगी कि वह अनुपमा की बेटी होने पर गर्व कर सकती है।
इसी बीच, अनुपमा मनोहर के पास जाती है और उनसे अब भी नृत्य सिखाने की गुज़ारिश करती है। शुरू में मनोहर मना कर देते हैं, लेकिन अनुपमा अपने मजबूत इरादों को सामने रखती हैं – बताती हैं कि भरती के इलाज और कॉलोनी की महिलाओं की मदद के लिए यह ज़रूरी है। अंत में, मनोहर तैयार हो जाते हैं।
इस पर माही और कुछ गाँव की महिलाओं को विश्वास नहीं होता। माही, अनुपमा और शाह परिवार को नीचा दिखाने की कोशिश करती है, लेकिन राहीउसे सामने आकर झकझोर देती है। फिर सावित्री और अन्य महिलाओं का मिज़ाज बदलता है – वे भरती का हौसला बढ़ाती हैं, लेकिन डांस में शामिल होने से पहले वो सब दिखावा करते हैं। इससे अनुपमा और जसप्रीत थोड़े उदास होते हैं, पर वे फिर भी खड़े रहते हैं।
दूसरी ओर, किन्जल खोटा लेखा‑जोखा उजागर करती हैं। वह उल्लंघन दिखाती हैं, जिससे गौतम घबरा जाता है और नियंत्रण पाने की नियत बनाता है। पाराग भी चीज़ों को अपने हाथ में लेने की योजना बनाता है।
बाद में सुमित भरती से मिलने आता है। जसप्रीत उसे टोकती है, और सुमित बताता है कि वह भरती से शादी नहीं कर सकता क्योंकि उसे कहीं ऐसा लग रहा है कि फिर वो अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में नाकाम रहेगा। इस पर अनुपमा सख्त हो जाती है और कहती है कि सुमित अब जाए…! उन्हें भरोसा दिलाती हैं कि वो हार नहीं मानेंगी।